1. ये जंगल ग्राम-समाज की साझा सम्पति थे. 2. राजनीतिक दुश् चक्र और ग्राम-समाज की उपेक्षा से गीतकार मर्माहत है। 3. दुनिया की सब चीजें नाशवान हैं, लेकिन भारत का यह ग्राम-समाज स्थायी है. 4. इतना ही नहीं, उन्होंने सरकारी मदद से ग्राम-समाज आदि की जमीन भी हथिया रखी है। 5. असंख्य भेदों, पूर्वाग्रहों, अन्धविश्वासों, जात-पांत के झगड़ों और हठधर्मियों से जर्जर ग्राम-समाज में भी ऐसा न्याय-धर्म कल्पनातीत लगता है। 6. गांव की युवा शक्ति नकारात्मक गतिविधियों में समय न गंवाकर ग्राम-समाज , शहर, देश और स्वयं के विकास को तरजीह देगी। 7. असंख्य भेदों, पूर्वाग्रहों, अन्धविश्वासों, जात-पांत के झगड़ों और हठधर्मियों से जर्जर ग्राम-समाज में भी ऐसा न्याय-धर्म कल्पनातीत लगता है । 8. राजवंश आए और गए, एक के बाद एक क्रांतियां हुईं, लेकिन ग्राम-समाज पर उसका कोई असर नहीं हु आ. 9. जात-पांत और क्रमागत अस्पृश्यता के जैसे भेद आज हमारे समाज में पाये जाते हैं, वैसे इस ग्राम-समाज में बिल्कुल नहीं रहेंगे। 10. उनके मकान के सामने पड़ने वाली ग्राम-समाज की सारी जमीन, पेड़-पौधे, बाँस-बँसवार, गड़ही-तालाब, ऊसर-बंजर सब उनका है।