हिंदी Mobile
Login Sign Up

छान्दोग्योपनिषद sentence in Hindi

pronunciation: [ chhaanedogayopenised ]
"छान्दोग्योपनिषद" meaning in Hindi
SentencesMobile
  • छान्दोग्योपनिषद में एक कथा आती है ।
  • यह कथा छान्दोग्योपनिषद में वर्णित है।
  • छान्दोग्योपनिषद, अध्याय 8, खंड 7-15।-
  • छान्दोग्योपनिषद, मनुस्मृति, याज्ञवलक्यस्मृति तक आते-आते धर्म के 5 स्वरूप मान लिए गये:
  • * एक स्थान पर छान्दोग्योपनिषद * ने जीवनपर्यन्त ब्रह्मचर्य की चर्चा की है।
  • छान्दोग्योपनिषद में आया है कि कृष्ण देवकी पुत्र ने घोर आंगिर से शिक्षाएँ ग्रहण कीं।
  • छान्दोग्योपनिषद में सृष्टि रचना के संदर्भ में कहा गया है कि पहले सत ही था।
  • छान्दोग्योपनिषद, शतपथ ब्राह्मण और अथर्ववेद काल तक काल चिन्तन पूर्णरूपेण परिपक्व रूप धारण कर चुका था।
  • छान्दोग्योपनिषद में कहा गया है-‘ महामनाः स्यात् तदव्रतम् ' अर्थात् बड़े मन वाले बनो, यह व्रत है।
  • इन बृहदारण्यकोपनिषद् तथा छान्दोग्योपनिषद वाक्यों के द्वारा इस जीवात्मा को निराकार ब्रह्म से अभिन्न स्थापित करने का प्रयत्न शंकराचार्य जी ने किया है।
  • इन बृहदारण्यकोपनिषद् तथा छान्दोग्योपनिषद वाक्यों के द्वारा इस जीवात्मा को निराकार ब्रह्म से अभिन्न स्थापित करने का प्रयत्न शंकराचार्य जी ने किया है।
  • इन बृहदारण्यकोपनिषद् तथा छान्दोग्योपनिषद वाक्यों के द्वारा इस जीवात्मा को निराकार ब्रह्म से अभिन्न स्थापित करने का प्रयत् न शंकराचार्य जी ने किया है।
  • मनु. 2 / 145 वेदों की नीति मेंन स्वैरी स्वैरणी कुतः || छान्दोग्योपनिषद 5 / 11 / 5 सच्चरित्रता दमकती स्त्री-पुरुष की सहगामिनी है।
  • छान्दोग्योपनिषद (5 / 10 / 7) में चांडाल की चर्चा है और वह तीन उच्च वर्णों की अपेक्षा सामाजिक स्थिति में अति निम्न था, ऐसा भान होता है।
  • छान्दोग्योपनिषद, मनुस्मृति, याज्ञवलक्यस्मृति तक आते-आते धर्म के 5 स्वरूप मान लिए गये: वर्णधर्म, आश्रमधर्म, वर्णाश्रम धर्म, नैमित्तिक धर्म ओर राजादि के गुणधर्म (कर्तव्यादि) ।
  • [11] छान्दोग्योपनिषद में ब्रह्मचर्याश्रम का भी वर्णन हुआ है, जहाँ पर विद्यार्थी (ब्रह्मचारी) अपने अन्तिम दिन तक गुरुगेह में रहकर शरीर को सुखाता रहा है *, यहाँ पर नैष्ठिक ब्रह्मचारी की ओर संकेत है।
  • छान्दोग्योपनिषद (६-२-१) मे आया है ' सदेव सोम्येदमग्र आसीदेकमेवाद्वितीयं ' ' केवल सत् का अस्तित्व था हे सोम्य! आदि मे और कुछ नहीं था ' इस वाक्य मे सत् शब्द के कई अर्थ लगाये जाते हैं..
  • ((छान्दोग्योपनिषद, ७-२ ६)) आहारशुद्धि से मन शुद्धि और मन शुद्धि से परमात्मा का सतत और निरंतर स्मरण होता है हमारे शरीर और मन की शक्तियों का निर्माण करने वाली समग्र संजीवनी शक्तियां हमारे भोजन के भीतर ही रहती हैं.
  • मेरे मित्र और गुरु भाई विद्यानिवास मिश्र ऐसे ही लाखों में एक वृक्ष थे जिनको साहित्य का संसार और समुदाय कई पीढ़ियों तक स्मरण करेगा. ' छान्दोग्योपनिषद ' में एक सार्थक मन्त्र-वाक्य है-' स्मरोववकाशाद्ध भूयः '. अर्थात स्मरण आकाश से भी उत्कृष्ट है. '
  • संसार के सभी धर्मो में शराब कबाब शबाब को मनुष्य के पतन का कारण माना गया है | इन में शराब सबसे अधिक घातक है | छान्दोग्योपनिषद में मदिरा पान करने वाले को गुरू पत्नीके साथ सम्भोग करने वाले के समान महापापी बताया गया है | यही नही उपनिषदकार ने मदिरा पान करने वाले का साथ करने वाले को भी उसी के समान महापापी बताया है | क्योकि शराब पिनेवाले मनुष्य का संसारिक और, आध्यत्मिक जीवन नष्ट हो जाता है |

chhaanedogayopenised sentences in Hindi. What are the example sentences for छान्दोग्योपनिषद? छान्दोग्योपनिषद English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.