1. ट्यूबर क्यूलोसिस निकलते हैं, स्प्यूटम पॉजीटिव मरीज कहलाता है।2. शकर्कंडी, और आलू के जैसे इसके ट्यूबर खाए जाते हैं. 3. इसी कड़ी में सेन्ट्रल ट्यूबर क्राप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट, त्रिवेन्द्रम द्वार स्वदेशी& 4. शकर्कंडी, और आलू के जैसे इसके ट्यूबर खाए जाते हैं. 5. ट्यूबर क् यूलोसिस निकलते हैं, स् प् यूटम पॉजीटिव मरीज कहलाता है।6. वाटरलिली: इस का प्रसारण ट्यूबर या कंदो (बल्ब) द्वारा होता है। 7. ट्यूबर बैसीलाई मुख्यत: फेफड़ों पर असर कर फेफड़ों की टी.बी. (पल्मोनरी) ट्यूबरकुलोसिस कहते हैं।8. टीबी (ट्यूबर कोलॉसिस) से पीड़ित बुजुर्गों की लापरवाही से घर में बच्चे भी संक्रमित हो रहे हैं। 9. इनके ब्लड सैंपल की जांच में तकरीबन दस फीसदी बच्चाें में माइक्रो बैक्टीरियम ट्यूबर कोलॉसिस पाया गया। 10. एक बार जड़े आ जाए, उसके बाद पौधों की जड़ों में ट्यूबर बनना शुरू हो जाता है।