1. तंत्रिका कोशिका, उससे निकलने वाला लंबा तंत्रिकाक्ष ( 2. जब माइलिन नष्ट हो जाता है तो तंत्रिकाक्ष प्रभावकारी ढंग से संकेतों को बिलकुल ही संचालित नहीं कर सकता है. 3. जब माइलिन नष्ट हो जाता है तो तंत्रिकाक्ष प्रभावकारी ढंग से संकेतों को बिलकुल ही संचालित नहीं कर सकता है. 4. कोशिका के दूसरे कोने से तंत्रिकाक्ष निकलता है, जो पिधानयुक्त होने पर तंत्रिका में होकर दूर तक चला जाता है। 5. कोशिका के दूसरे कोने से तंत्रिकाक्ष निकलता है, जो पिधानयुक्त होने पर तंत्रिका में होकर दूर तक चला जाता है। 6. कोशिका के दूसरे कोने से तंत्रिकाक्ष निकलता है, जो पिधानयुक्त होने पर तंत्रिका में होकर दूर तक चला जाता है। 7. ये कोशिकाएं क्रिया संबंधी क्षमताएं उत्पन्न करती हैं जो तंत्रिकाक्ष से लेकर पीयूषिका में शिरा के सिरों तक प्रसारित होता है; 8. ये कोशिकाएं क्रिया संबंधी क्षमताएं उत्पन्न करती हैं जो तंत्रिकाक्ष से लेकर पीयूषिका में शिरा के सिरों तक प्रसारित होता है; 9. तंत्रिका कोशिकाएं लम्बे तंतुओं के नीचे कार्य क्षमता नामक विद्युत संकेत भेज कर संवाद स्थापित करते हैं जिन्हें तंत्रिकाक्ष कहा जाता है. 10. तंत्रिका कोशिकाएं लम्बे तंतुओं के नीचे कार्य क्षमता नामक विद्युत संकेत भेज कर संवाद स्थापित करते हैं जिन्हें तंत्रिकाक्ष कहा जाता है.