1. और तत्त्वमीमांसा की दैनिक अध्ययन की पुस्तक है। 2. न्याय-वैशेषिक की तत्त्वमीमांसा का सार यह है कि ब्रह्माण्ड दो प्रकार का है- 3. तत्त्वमीमांसा में हेय और उपादेय के रूप में विभक्त जीव आदि सात तत्त्वों का विवेचन हैं।4. आज दर्शन की उक्त परिभाषा, यह कि दर्शन तत्त्वज्ञान या तत्त्वमीमांसा है, स्वीकार्य नहीं रह गयी है। 5. आज दर्शन की उक्त परिभाषा, यह कि दर्शन तत्त्वज्ञान या तत्त्वमीमांसा है, स्वीकार्य नहीं रह गयी है। 6. जैन तत्त्वमीमांसा सात (कभी-कभी नौ, उपश्रेणियाँ मिलाकर) सत्य अथवा मौलिक सिद्धांतों पर आधारित है, जिन्हें तत्त्व कहा जाता है। 7. तत्त्वमीमांसा (Metaphysics), दर्शन की वह शाखा है जो किसी ज्ञान की शाखा के वास्तविकता (reality) का अध्ययन करती है।8. [Noun]उदाहरण:अवधारणा या संकल्पना भाषा दर्शन का शब्द है जो संज्ञात्मक विज्ञान, तत्त्वमीमांसा एवं मस्तिष्क के दर्शन से सम्बन्धित है। 9. अवधारणा या संकल्पना भाषा दर्शन का शब्द है जो संज्ञात्मक विज्ञान, तत्त्वमीमांसा एवं मस्तिष्क के दर्शन से सम्बन्धित है। 10. न्याय-वैशेषिक की तत्त्वमीमांसा का सार यह है कि ब्रह्माण्ड दो प्रकार का है-मूल जगत (परमाणुरूप) और व्युत्पन्न जगत (कार्यरूप)।