1. ' ' छोटे-छोटे दक्षिणवर्त शंख सस्ते और सरलता से मिल जाते है। 2. दक्षिणवर्त और वामावर्त प्रकाशत: प्रतिविन्यासी हैं तथा मेसो और रेसिमिक निष्क्रिय हैं।3. दक्षिणवर्त और वामावर्त प्रकाशत: प्रतिविन्यासी हैं तथा मेसो और रेसिमिक निष्क्रिय हैं।4. होंi, जैसे लैक्टिक अम्ल में होते हैं, तो उनकी व्यवस्था, दक्षिणवर्त ( 5. दक्षिणवर्त और वामावर्त प्रकाशत: प्रतिविन्यासी हैं तथा मेसो और रेसिमिक निष्क्रिय हैं।6. सिद्धांत के अनुसार यह दक्षिणवर्त , वामावर्त और मेसो-टार्टिरिक अम्ल रूपों के समान मिश्रण से प्राप्त होता है। 7. सिद्धांत के अनुसार यह दक्षिणवर्त , वामावर्त और मेसो-टार्टिरिक अम्ल रूपों के समान मिश्रण से प्राप्त होता है। 8. सिद्धांत के अनुसार यह दक्षिणवर्त , वामावर्त और मेसो-टार्टिरिक अम्ल रूपों के समान मिश्रण से प्राप्त होता है। 9. सर्वप्रथम ज्ञात, प्रकाशत: सक्रिय पदार्थ स्फटिक ही है, जिसके क्रिस्टल दो प्रकार के, एक दक्षिणवर्त और दूसरा वामावर्त, होते हैं। 10. सर्वप्रथम ज्ञात, प्रकाशत: सक्रिय पदार्थ स्फटिक ही है, जिसके क्रिस्टल दो प्रकार के, एक दक्षिणवर्त और दूसरा वामावर्त, होते हैं।