सनतकुमार ने प्रश्न किया, ‘ देवर्षि, आपने किन-किन शास्त्रों और विद्याओं का अध्ययन किया है? ' नारद जी ने उन्हें बताया कि उन्होंने वेदों, पुराणों, वाकोवाक्य देवविद्या, ब्रह्मविद्या, नक्षत्र विद्या आदि का अध्ययन किया है।
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नारद ने बताया “ ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद, इतिहास पुराण, पिन्न्य, राशि, दैव निधि, वाक्योवाक्य, एकायन, देवविद्या, ब्रह्मविद्या, भूत विद्या, क्षत्रविद्या, नक्षत्रविद्या, सर्प और देवजन विद्य पढ़ा हूँ।
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छांदोग्योपनिषद् के सातवें अध् याय के पहले और दूसरे खंडों में नारद ने सनत्कुमार से कहा है कि ऋग्वेदादि चारों वेदों, वेदों के वेद, पाँचवें इतिहास-पुराण के सिवाय, अनेक विद्याओं के साथ देवविद्या, ब्रह्मविद्या, भूतविद्या, क्षेत्रविद्या, नक्षत्रविद्या, सर्पविद्या, जनविद्या और देवविद्या जानता हूँ।
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छांदोग्योपनिषद् के सातवें अध् याय के पहले और दूसरे खंडों में नारद ने सनत्कुमार से कहा है कि ऋग्वेदादि चारों वेदों, वेदों के वेद, पाँचवें इतिहास-पुराण के सिवाय, अनेक विद्याओं के साथ देवविद्या, ब्रह्मविद्या, भूतविद्या, क्षेत्रविद्या, नक्षत्रविद्या, सर्पविद्या, जनविद्या और देवविद्या जानता हूँ।
What is the meaning of देवविद्या in English and how to say devavidya in English? देवविद्या English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.