1. द्वयर्थक या संदेह युक्त उत्तर दे कर सच्ची बात छिपाना2. याचिका निष्फल और द्वयर्थक है और निरस्त होने योगय हैं। 3. दरअसल कुछ वरिष्ठ नेतों ने अस्पष्ट और द्वयर्थक रूप से सोचा और 4. तंत्र की द्वयर्थक भाषा और ही खतरनाक है एक प्रसिद्ध श्लोक है- 5. संध्या भाषा, द्वयर्थक भाषा, कुतर्क ये सब इसी श्रेणी में आते हैं। 6. इस प्रकार प्रतिकर याचिका द्वयर्थक और निष्फल होने केकारण निरस्त किये जाने योग्य है। 7. काम्य अनुष्ठानों की भाषा द्वयर्थक होती है और मन की ग्रंथियों के अनुरूप उनकी रचना रहती है। 8. बौद्ध तंत्र में इसे क्षोमा पटल कहते हैं जिसमें उन द्वयर्थक शब्दों का वास्तविक अर्थ लिखा हुआ रहता है। 9. दरअसल कुछ वरिष्ठ नेतों ने अस्पष्ट और द्वयर्थक रूप से सोचा और विलय के बारे में संदिग्ध बयानबाजी की। 10. इस संबंध में वे तथाकथित द्वयर्थक चित्र उल्लेखनीय हैं, जिन्हें कभी आकृति माना जाता है और कभी पृष्ठभूमि (देखें साथ का चित्र) ।