1. सर्वप्रथम गले में एक द्वादशमुखी रूद्राक्ष सोने में धारण करें. 2. द्वादशमुखी रुद्राक्ष यह सूर्य रूप है।3. एवं 1 द्वादशमुखी रूद्राक्ष डालकर हमेशा के लिए रख छोडें. 4. द्वादशमुखी रुद्राक्ष: यह द्वादश आदित्य का स्वरूप माना जाता है।5. द्वादशमुखी रुद्राक्ष: इसे साक्षात रुद्र के स्वरूप के रूप में स्वीकारा गया है।6. द्वादशमुखी रूद्राक्ष (विष्णु स्वरूप) यह रूद्राक्ष भगवान विष्णु स्वरूप सर्वाधिक महत्वपूर्ण है।7. द्वादशमुखी रुद्राक्ष को कान में धारण करने से सूर्यादि बारह आदित्य देव प्रसन्न होते हैं।8. सर्वबाधा विनाशक बारहमुखी रुद्राक्ष द्वादशमुखी रुद्राक्ष को कान में धारण करने से बारहों आदित्य देव प्रसन्न होते हैं। 9. 32 द्वादशमुखी रुद्राक्षों की माला धारण करने से गोवध, नरहत्या एवं चोरी का पाप मिट जाता है। 10. द्वादशमुखी रुद्राक्ष धारण करने से सभी प्रकार की बांधायें नष्ट होती हैं मानसिक एवं शारीरिक पीड़ा से छुटकारा मिलता है।