1. इसी बिंदु को हम नवचंद्र बिंदु भी कहते हैं। 2. कश्मीर में नवरेह नवचंद्र वर्ष के रूप में मनाया जाता है। 3. कश्मीर में नवरेह नवचंद्र वर्ष के रूप में मनाया जाता है। 4. कुछ लोग हर बारहवें नवचंद्र के उदय से अगले सूर्योदय के दिन मानते हैं। 5. कुछ लोग हर बारहवें नवचंद्र के उदय से अगले सूर्योदय के दिन मानते हैं। 6. पारगमन के दौरान शुक्र की अंतयरुति नवचंद्र या अमावस्या की तरह ही होती है। 7. नवचंद्र बिन्दु से नवचंद्र बिन्दु तक की चंद्रमा की यात्रा में लगने वाला समय साइनोडिक या संयुति मास कहलाता है।8. नवचंद्र बिन्दु से नवचंद्र बिन्दु तक की चंद्रमा की यात्रा में लगने वाला समय साइनोडिक या संयुति मास कहलाता है। 9. मा ह की पहली अवधारणा पूरे चांद से पूरे चांद के या नवचंद्र से नवचंद्र के पहले वाले दिन तक के लिए हुई। 10. मा ह की पहली अवधारणा पूरे चांद से पूरे चांद के या नवचंद्र से नवचंद्र के पहले वाले दिन तक के लिए हुई।