1. नास्तिवाद कर धर्म प्रति, करता पाप अखण्ड ।2. आस्तिवाद और नास्तिवाद दोनों ही इसे अपने-अपने पक्ष में मानते हैं. 3. आस्तिवाद और नास्तिवाद दोनों ही इसे अपने-अपने पक्ष में मानते हैं. 4. अनियंत्रित नास्तिवाद और शर्मसार विचारों की बाढ़ मन वापस लड़ने की क्षमता को ओवरराइड करता है. 5. तीन प्रचलित वाद-आस्तिवाद, नास्तिवाद , और अज्ञवाद, मानवता में प्रचलित हैं. 6. किसी रचना को नष्ट करने के पीछे जो सोच काम करती है वह नास्तिवाद की हो सकती है। 7. उसे आने वाली नस्लों को यह मौक़ा नहीं देना चाहिए कि वह विज्ञान का सहारा लेकर अपने नास्तिवाद को मज़बूत कर सके। 8. अज्ञवाद की इस धारणा को आस्तिवाद और नास्तिवाद दोनों ही स्वीकारते हैं किन्तु इसकी व्युत्पत्तियों पर एक दूसरे के विरोधी हैं. 9. इसके विपरीत नास्तिवाद है जो ईश्वर के अस्तित्व को नहीं स्वीकारता और मनुष्य के कर्म और अस्तित्व को ही महत्व देता है. 10. उसे आने वाली नस्लों को यह मौका नहीं देना चाहिए कि वह विज्ञान का सहारा लेकर अपने नास्तिवाद को मजबूत कर सके।