1. हिमपात-निद्राहीन पेड़ शीतित चादर के नीचे 2. निद्राहीन रातें भी इसे थकाती नहीं,3. लेकिन उसे निद्राहीन किसने किया है? 4. उन दिनों बेहोश सी मां ने न जाने कितनी निद्राहीन रातें बेटे के बिस्तर के पास बैठकर काटीं। 5. क्या तुम यह सब सोचकर बेचैन हो जाते हो? क्या इस भावना ने तुमको निद्राहीन कर दिया है? 6. अगर यह सोती भी है तो हमेशा के लिए नहीं, निद्राहीन रातें भी इसे थकाती नहीं, बल्कि और तर-ओ-ताज़ा कर जाती हैं। 7. अगर यह सोती भी है तो हमेशा के लिए नहीं, निद्राहीन रातें भी इसे थकाती नहीं, बल्कि और तर-ओ-ताज़ा कर जाती हैं। 8. इसे निद्राहीन दीप भी कहते हैं क्योंकि यह सारी रात प्रज्वलित रहता है और वह भी इसमें बिना तेल डाले या बत्ती बदले हुए। 9. निद्राहीन रात के दोषपूर्ण अनुकूलन के बाद नींद फिर से पलट कर आती है, लेकिन स्पष्ट रूप से किसी कारण से ही आती है.10. निद्राहीन रात के दोषपूर्ण अनुकूलन के बाद नींद फिर से पलट कर आती है, लेकिन स्पष्ट रूप से किसी कारण से ही आती है.