1. ऐसा ही एक नील-हरित शैवाल है सायनोफोरो पेराडॉक्सा । 2. नील-हरित शैवाल में भी नाइट्रोजन स्थिरीकरण की क्षमता होती है ।3. हरी, कभी श्वेत, और कभी नील-हरित द्युति रूप हो रही थी। 4. सामान्य उपयोग में आ रहे जैव उर्वरक राइजोबियम एजेटोबैक्टर प्रजातियां तथा नील-हरित शैवाल हैं । 5. नील-हरित शैवाल) के साथ हुई, जिसने बड़ी विषम-पोषणज कोशिकाओं में प्रवेश किया और क्लोरोप्लास्ट बन गई.6. नील-हरित शैवाल का अतिरिक्त लाभ यह है कि इसके उपयोग से लवणीय भूमियों में लवणीयता कम हो जाती है ।7. सभी हरे पौधो एवं नील-हरित शैवाल जिनमें प्रकाश संश्लेषण की क्षमता होती है, इसी वर्ग में आते हैं तथा उत्पादक कहलाते हैं। 8. सभी हरे पौधों एवं नील-हरित शैवाल जिनमें प्रकाश संश्लेषण की क्षमता होती है, इसी वर्ग में आते हैं तथा उत्पादक कहलाते हैं। 9. मेज के ईद-गिर्द घूमती शची कभी सुनहरी, कभी नीली, कभी हरी, कभी श्वेत, और कभी नील-हरित द्युति रूप हो रही थी। 10. विकास का समझदारी भरा रास्ता यही है कि प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाए रखते हुए उस नील-हरित पट्टी को बचाया जाए, जिस पर जीवन निर्भर करता है।