1. आक्रोशनी वात साची-अने आक्रोश न न्याय्य पण खरो. 2. परंतु आख्यानों को उनके मानवीय मूल्य से वंचित रखना न्याय्य और उपयुक्त नहीं प्रतीत होता। 3. परंतु आख्यानों को उनके मानवीय मूल्य से वंचित रखना न्याय्य और उपयुक्त नहीं प्रतीत होता। 4. देह-सीमा से स्वानुभूतिमय परिचय कर लेने के बाद विदेहभाव धारण करना अधिक निरापद और न्याय्य होता है। 5. ऐतरेय के प्रथम तीन आरण्यकों के कर्ता महिदास हैं इससे उन्हें ऐतरेय ब्राह्मण का समकालीन मानना न्याय्य है। 6. ऐतरेय के प्रथम तीन आरण्यकों के कर्ता महिदास हैं इससे उन्हें ऐतरेय ब्राह्मण का समकालीन मानना न्याय्य है। 7. ऐतरेय के प्रथम तीन आरण्यकों के कर्ता महिदास हैं इससे उन्हें ऐतरेय ब्राह्मण का समकालीन मानना न्याय्य है। 8. न्याय-अन्याय का हिसाब नहीं करते. सच तो यह है कि सब कुछ हिसाब से नहीं मिलता और सब न्याय्य भी नहीं होता. 9. यदि उनके विचारों से सहमति नहीं रखते तो भी उन्हें गाँधी जी के सामने खुद के विचारों को न्याय्य ठहराना पड़ता ही है । 10. यदि उनके विचारों से सहमति नहीं रखते तो भी उन्हें गाँधी जी के सामने खुद के विचारों को न्याय्य ठहराना पड़ता ही है ।