1. परार्थवाद के नामपर सिवाय पाखंड के कुछ भी नहीं है।2. मो-जु के अत्यंत महत्वपूर्ण सिद्धांत विश्वप्रेम एवं अहिंसा निरपेक्ष परार्थवाद और यतित्ववाद हैं। 3. मो-जु के अत्यंत महत्वपूर्ण सिद्धांत विश्वप्रेम एवं अहिंसा निरपेक्ष परार्थवाद और यतित्ववाद हैं। 4. मो-जु के अत्यंत महत्वपूर्ण सिद्धांत विश्वप्रेम एवं अहिंसा निरपेक्ष परार्थवाद और यतित्ववाद हैं। 5. मो-जु के पूर्व चीनी विचारधाराओं में विश्वप्रेम एवं अहिंसा, परार्थवाद और यतित्ववाद के विचार मिलते थे। 6. मो-जु के पूर्व चीनी विचारधाराओं में विश्वप्रेम एवं अहिंसा, परार्थवाद और यतित्ववाद के विचार मिलते थे। 7. मो-जु के पूर्व चीनी विचारधाराओं में विश्वप्रेम एवं अहिंसा, परार्थवाद और यतित्ववाद के विचार मिलते थे। 8. एक मित्र ने पूछा है कि समाजवाद-परार्थवाद , अलट्रुइस्टीक व्यवस्था है, पूंजीवाद-स्वार्थवादी, सेल्फिश व्यवस्था है। 9. तब उनमें दूसरों के लिए प्रेम की चिंगारियाँ प्रकट होनी शुरु हो जाती हैं जिसे परार्थवाद कहते हैं जो कि अच्छाई की सामान्य विशेषता है।