1. यानि ईश् वरवादी धर्मो के अनुसार सबकुछ पूर्वनियत है और यह सही है। 2. परिस्थिति को पूर्वनियत मान लेते हैं और उसको बदलने में सारा जीवन लगा देते 3. मुझे पूरा भरोसा है कि अयोध्या में राम जन्मभूमि पर उपयुक्त मंदिर का निर्माण पूर्वनियत है। 4. किन्हीं अर्थों में यह नियति या पूर्वनियत के समक्ष अवश हो जाने का भी सॉलिट्यूड है। 5. और अब धार्मिक कार्यों से भी विश्वाश उठ रहा है की जब सबकुछ पूर्वनियत हा तो.. 6. क्या यह किसी पूर्वनियत से आबद्ध चरित्रों का अपने भवितव्य की ओर एक अवश प्रतिक्रमण नहीं है? 7. बाक़ी यह कि मेरा अदृश्य हो जाना पूर्वनियत है, निश्चित, और मेरा कुछ अंश दूसरे वाले में बच रहेगा. 8. सबकुछ। दोनों बातें मिलकर परेशान कर देती है कि जब सबकुछ पूर्वनियत है तो मनुष् य के स् वतंत्र होने की क् या संभावना है। 9. किन्तु आचरण के ये तरीके पूर्वनियत प्रतिवर्ती क्रियाओं की तरह काम करते हैं-आसानी से चिन्हित किये जा सकने वाले, अराजक और अप्रभावशाली रूप में. 10. मुझे तो रह रह कर यह संगीत श्रेष्ठतम लग रहा है, वर्तमान में, भले ही इसे पूर्वनियत पश्चिमी मानकों पर विशेष न पाया जाये, ग्रैमी व ऑस्कर के लिये।