1. प्रगीतात्मक काव्य का बहुत प्रशंसक हूँ...2. मैंने उत्तर दिया कि मैं उनके प्रगीतात्मक काव्य का बहुत प्रशंसक हूँ... 3. नागार्जुन ने मैथिली में एक बहुत ही मार्मिक और लगभग प्रगीतात्मक उपन्यास लिखा है, 'पारो'. 4. प्रसाद की कहानियों छायावादी काव्य-चेतना के इतने समीप है कि वे स्वयं प्रगीतात्मक हो गई हैं। 5. इसमें भी भावापन्नता का वही रूप मिलता है जिसका आधुनिक प्रगीतात्मक रचनाओं में आधिक्य रहता है. 6. , एक अन्य मैडम ने कानों मे कहा) हाँ प्रगीतात्मक कविता किसे कहते है? 7. इसमें गीत, ग़ज़ल, तुकांत, अतुकांत, प्रगीतात्मक और गद्यात्मक काव्य रूपों का प्रयोग मिलता है। 8. कविता तो कविता होती है उसे आख्यानात्मक और प्रगीतात्मक जैसे बोझिल शब्दों से जोड़ने की जरूरत ही क्या है? 9. प्रसाद ने अपनी कहानियों में गुलेरजी की कतिपय तकनीकी विशेषताओं को ग्रहण किया हा पर वे मूलत प्रगीतात्मक (लीरिकल) हैं। 10. इस गीत में एक ओर तो महान अमेरिकी कवि वाल्ट ह्विटमैन की कविता जैसी उन्मुक्तता है, दूसरी ओर लय और प्रगीतात्मक सौंदर्य भी है।