1. इस असाधारण प्रतिलिपिकार का स्वाद किसी अन्य के विपरीत है. 2. श्री डी. के. भारती,मुख्य प्रतिलिपिकार 3. किसी भी स्थिति में, किसी न किसी बिंदु पर प्रतिलिपिकार का कार्य डीएनए ( 4. पहले प्रतिलिपिकार का स्वभाव अज्ञात है क्योंकि इसका कार्य लंबे समय से जीवन के वर्तमान प्रतिलिपिकार, डीएनए ( 5. पहले प्रतिलिपिकार का स्वभाव अज्ञात है क्योंकि इसका कार्य लंबे समय से जीवन के वर्तमान प्रतिलिपिकार , डीएनए ( 6. प्रत्येक ग्रंथ का रचनाकार या प्रतिलिपिकार अपने ग्रंथ एंव परिवेश से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारियां इसमें अंकित करना है। 7. जिसमें रचानाकार, प्रतिलिपिकार , रचनाकाल, ग्रंथ समर्पण, स्तुति एवं रचना स्थल आदि का उल्लेख मिलता है। 8. विभिन्न मॉडल प्रस्तावित किये गये हैं, जो कि इस बात की व्याख्या करते हैं कि कोई प्रतिलिपिकार किस प्रकार विकसित हुआ होगा. 9. यह सब एक लंबे समय तक जारी रहा, जब तक कि संयोग से एक प्रतिलिपिकार अणु उत्पन्न नहीं हो गया | 10. विभिन्न मॉडल प्रस्तावित किये गये हैं, जो कि इस बात की व्याख्या करते हैं कि कोई प्रतिलिपिकार किस प्रकार विकसित हुआ होगा.