1. प्लास्टिसाइजर अल्प अस्थिर प्रकृति का जैविक (कार्बनिक) एस्सटर (अम्ल और अल्कोहल से बना घोल) होता है।2. आधुनिक टैबलेट की कोटिंग बहुलक और पॉलीसैक्काराइड आधारित होती है, जिसके साथ प्लास्टिसाइजर एवं वर्णक शामिल होते हैं. 3. दूसरे प्लास्टिसाइजर ने खराब अनुकूलता प्रदर्शित की जबकि 1, 2-प्रोपाइलिन ग्लायकाल उच्च साद्रताओं तक पॉलिमर के साथ अनुकूल था. 4. आधुनिक टैबलेट की कोटिंग बहुलक और पॉलीसैक्काराइड आधारित होती है, जिसके साथ प्लास्टिसाइजर एवं वर्णक शामिल होते हैं. 5. दूसरे प्लास्टिसाइजर ने खराब अनुकूलता प्रदर्शित की जबकि 1, 2-प्रोपाइलिन ग्लायकाल उच्च साद्रताओं तक पॉलिमर के साथ अनुकूल था. 6. प्लास्टिसाइजर अल्प अस्थिर प्रकृति का जैविक (कार्बनिक) एस्सटर (अम्ल और अल्कोहल से बना घोल) होता है।7. सॉर्बिटॉल और ग्लिसरीन जैसे फ्लेक्सीबिलाइजर तथा प्लास्टिसाइजर को मिला दिया जाता है ताकि स्टार्च को ताप-प्लास्टिक रूप से प्रसंस्कृत भी किया जा सके. 8. सॉर्बिटॉल और ग्लिसरीन जैसे फ्लेक्सीबिलाइजर तथा प्लास्टिसाइजर को मिला दिया जाता है ताकि स्टार्च को ताप-प्लास्टिक रूप से प्रसंस्कृत भी किया जा सके. 9. स्टार्च की तरह पुलुलान को भी ऊष्मा और दबाव से सांचे में ढाला जा सकता है, बशर्ते कि प्लास्टिसाइजर के रूप में पर्याप्त पानी उपलब्ध हो. 10. स्टार्च की तरह पुलुलान को भी ऊष्मा और दबाव से सांचे में ढाला जा सकता है, बशर्ते कि प्लास्टिसाइजर के रूप में पर्याप्त पानी उपलब्ध हो.