1. ऐसिडियन के बैंगची की वृद्धि इस अवस्था के पश्चात् रुक जाती है। 2. ऐसिडियन के बैंगची की वृद्धि इस अवस्था के पश्चात् रुक जाती है। 3. अंडे, वृद्धि की इन अवस्थाओं के पश्चात्, बैंगची का रूप धारण करते हैं। 4. मेढक के अंडे को सूई से गोद कर तथा उसका विकास कर बैंगची ( 5. अंडे, वृद्धि की इन अवस्थाओं के पश्चात्, बैंगची का रूप धारण करते हैं। 6. ये ज्ञानेंद्रियाँ बैंगची के अभिविन्यास (orientation) को तथा उसे प्रकाश के स्रोत की ओर बढ़ने में सहायता प्रदान करती है। 7. ये ज्ञानेंद्रियाँ बैंगची के अभिविन्यास (orientation) को तथा उसे प्रकाश के स्रोत की ओर बढ़ने में सहायता प्रदान करती है। 8. प्रत्येक बैंगची में तैरने के लिए एक पुच्छ होती है, जिसके मध्य में कोशिकाओं के द्वारा निर्मित एक पृष्ठरज्जु भी होती है। 9. प्रत्येक बैंगची में तैरने के लिए एक पुच्छ होती है, जिसके मध्य में कोशिकाओं के द्वारा निर्मित एक पृष्ठरज्जु भी होती है। 10. इस प्रकार बैंगची में कायांतरण की क्रिया प्रारंभ होती है तथा ऐसी अवस्था की वृद्धि होती है जिसमें यह सर्वप्रथम भोजन ग्रहण करने योग्य हो जाता है।