1. लेकिन भाषा-व्यवहार के हाथों से तोते उड़ गए। 2. महानगर दिल्ली के भाषा-व्यवहार का स्वरूप / भरत सिंह 3. विभिन्न आर्य-समूहों के भाषा-व्यवहार से एशिया का विशाल भूभाग प्रभावित रहा है। 4. भाषा की सर्जनात्मकता भाषा-व्यवहार के निश्चित अनुशासन पर चलने से नहीं आती है। 5. प्रयुक्ति को गतिशील सामाजिक पृष्ठभूमि पर भाषा-व्यवहार की अनुकूलित विशिष्टता कहा जा सकता है। 6. प्रयुक्ति को गतिशील सामाजिक पृष्ठभूमि पर भाषा-व्यवहार की अनुकूलित विशिष्टता कहा जा सकता है। 7. इसीलिए भाषा-व्यवहार सदैव नवप्रवर्तनकारी (इनोवेटिव) और सर्जनात्मक (क्रिएटिव) हुआ करता है। 8. भाषा-व्यवहार में प्राप्त इन विकल्पनों का अध्ययन भाषा की वास्तविक प्रकृति का उद्धाटन करता है।9. भाषा-व्यवहार में प्राप्त इन विकल्पनों का अध्ययन भाषा की वास्तविक प्रकृति का उद्धाटन करता है।10. अध्याय 17 शब्द-रचना शब्द-रचना-हम स्वभावतः भाषा-व्यवहार में कम-से-कम शब्दों का प्रयोग करके अधिक-से-अधिक काम चलाना चाहते हैं।