1. इस असंगति का संकेत यह है कि भू-धारा निकाय ( 2. भू-धारा वेधशाला को पृथ्वी के व्यापक क्षेत्र की आवस्थाओं का प्रतिनिधित्व करना चाहिए।3. भू-धारा वेधशाला को पृथ्वी के व्यापक क्षेत्र की आवस्थाओं का प्रतिनिधित्व करना चाहिए।4. दोपहर के समय दोनों ओर से भू-धारा का मुख्य प्रवाह विषुवत् की ओर होता है। 5. दोपहर के समय दोनों ओर से भू-धारा का मुख्य प्रवाह विषुवत् की ओर होता है। 6. एब्रो, पैरिस, बटेविया जैसे अनेक स्थानों में परिणामी भू-धारा की दिशा को एक ही दिगंश ( 7. चुंबकीय सक्रियता के समान ही भू-धारा के स्थानीय विक्षोभ उच्च अक्षोशों पर अत्यंत तीव्रता से होते है। 8. अंतरराष्ट्रीय परंपरा के अनुसार खगोलीय याम्योत्तर की दिशा में भू-धारा के प्रवाह को उत्तराभिमुख घटक, उ ( 9. चुंबकीय सक्रियता के समान ही भू-धारा के स्थानीय विक्षोभ उच्च अक्षोशों पर अत्यंत तीव्रता से होते है। 10. भू-धारा को किसी निम्न प्रतिरोधकता की दिशा में प्रेरित करने के लिये विशेष रूप से उपयुक्त नहीं है।