1. मुखभाग छेद करके भोजन चूसने के लिए बने होते हैं।2. इनके मुखभाग चबाकर खानेवाले (chewing type) या चबाने चाटनेवाले (chewing lapping type) होते हैं। 3. श्री कुबेरजी: श्री कुबेरजी मुखभाग से गरुड़जीह के दायें भाग में दर्शन देते हैं। 4. के मुखभाग साधारण रूप के होते हैं और काटने का ही कार्य कर सकते हैं। 5. इससे ऊपर भगवान बदरीनाथजी की विशाल जटाओं से परिवेेष्टित छोटे से मुखभाग के दर्शन होते हैं। 6. प्लाईवुड की श्रेणी प्रत्येक फलक के मुखभाग तथा पृष्ठभाग के पोशिश (वीनियर) की गुणवत्ता द्वारा निर्धारित होती है. 7. प्लाईवुड की श्रेणी प्रत्येक फलक के मुखभाग तथा पृष्ठभाग के पोशिश (वीनियर) की गुणवत्ता द्वारा निर्धारित होती है। 8. निम्नलिखित लक्षणों के कारण ये सब गुण एक समुदाय बनाते हैं-अपरिवर्तित मुखभाग , पश्चपक्ष में विशाल ऐनेल लोब ( 9. क्रकचमक्षी (सॉफ्लाई, Sawfl) के मुखभाग साधारण रूप के होते हैं और काटने का ही कार्य कर सकते हैं। 10. “सी”: एक निम्न स्तरीय मुखभाग गुणवत्ता युक्त माना जाता है, लेकिन सामान्य निर्माण प्रयोजनों के लिए एक उचित पसंद है।