1. कहते हैं, वैज्ञानिक भाषा में मेडूसा कहते हैं। 2. इसी राक्षसी के नाम पर मेडूसा पड़ा है। 3. मेडूसा अकेले स्वतंत्र तैरनेवाले तथा लैंगिक प्रजनन करनेवाले होते हैं।4. पालिप और मेडूसा की कोशिकाओं में पर्याप्त भेद होता है। 5. सुकुमार के जीवनचक्र में पालिप तथा मेडूसा दोनों रूपों के प्रौढ पाए जाते हैं। 6. मेट्रीडियम नामक आँतरगुहियों में मेडूसा बिलकुल ही अविकसित होता है, अतं: उसमें एकांतरण का आभास भी नहीं मिलता। 7. पाश्चात्य परंपरा के अनुसार मेडूसा नाम की एक राक्षसी थी जिसे केश नहीं थे; केश के बदले में सर्प थे। 8. जीवनचक्र में पालिप तथा मेडूसा पीढ़ियाँ एक के बाद एक आती हैं, अर्थात् इन दो पीढ़ियों के बीच एकांतरण होता है। 9. मेडूसा का शरीर छतरी के समान होता है और भीतर से, उस बिंदु पर जहाँ छतरी की डंडी लगनी चाहिए, मुख होता है;10. आद्यतम बहुकोशीय अवयवियों में सीलेंटरेटा (हाइड्रायड, मेडूसा , आदि) आते हैं, जो प्रोटोजोआ जैसे ही पानी में रहते हैं।