1. दंतमंजन तथा वमनकारी ओषधियों का सेवन निषिद्ध है। 2. वह पहचान गया कि यह वमनकारी टॉक़ी है । 3. वमनकारी ओषधियाँ तथा दस्तकारी ओषधियाँ, जैसी रेंड़ी का तेल एवं एप्सम लवण देना चाहिए;4. विषैले पौधे-वमनकारी , उद्दीपक और रेंड़ी तेल सदृश कड़ी दस्तकारी ओषधियाँ देना चाहिए। 5. पत्तों का रस वमनकारी होता है, अर्थात उसके सेवन से कै हो जाती है। 6. मुँह में अंगुलि डालकर, अथवा वमनकारी औषधियाँ देकर, विष को जल्द से जल्द बाहर निकाल देने की चेष्टा करनी चाहिए। 7. निर्मित भेषजों में वमनकारी और विरेचनकारी योगों तथा भूत पिशाचादि के निस्सारण के लिए तीव्र यातनादायक द्रव्यों का उपयोग होता था। 8. निर्मित भेषजों में वमनकारी और विरेचनकारी योगों तथा भूत पिशाचादि के निस्सारण के लिए तीव्र यातनादायक द्रव्यों का उपयोग होता था। 9. निर्मित भेषजों में वमनकारी और विरेचनकारी योगों तथा भूत पिशाचादि के निस्सारण के लिए तीव्र यातनादायक द्रव्यों का उपयोग होता था। 10. सीस-आमाशय को धोना तथा वमनकारी औषधियों, जैसे सोडियम सल्फेट या एप्सम, देना चाहिए, ताकि सीस शीघ्र ही निकल जाए।