1. शीत वाताग्र पर ऐसे बादल, वायु के ऊर्ध्वाधर रूप से ऊपर उठने के कारण बन जाते हैं। 2. इस वाताग्र के सहारे गर्म हवाएं ऊपर उठ जाती हैं तथा ठंडी हवाएं नीचे हो जाती हैं । 3. इस वाताग्र के सहारे गर्म हवाएं ऊपर उठ जाती हैं तथा ठंडी हवाएं नीचे हो जाती हैं । 4. चक्रवातों की उत्पत्ति से सम्बन्धित ‘ध्रुवीय वाताग्र सिद्धांत ' का प्रतिपादन निम्नलिखित में से किसके द्वारा किया गया है? 5. दो विपरीत स्वभाव वाली हवाएं जब विपरीत दिशाओं से आकर मिलती हैं तो वाताग्र का निर्माण होता हैं । 6. दो विपरीत स्वभाव वाली हवाएं जब विपरीत दिशाओं से आकर मिलती हैं तो वाताग्र का निर्माण होता हैं । 7. इसके विपरीत भूमध्य रेखा ले पास समान स्वाभाव वाली व्यापारिक हवाएं (परन्तु विपरीत दिशाओं वाली) के मिलने से भी वाताग्र का निर्माण होता हैं । 8. इसके विपरीत भूमध्य रेखा ले पास समान स्वाभाव वाली व्यापारिक हवाएं (परन्तु विपरीत दिशाओं वाली) के मिलने से भी वाताग्र का निर्माण होता हैं । 9. इस तरह का चक्रवातीय वाताग्र प्रायः शीतोष्ण कटिबन्धों में बनता हैं जहां पर ध्रवीय ठंडी तथा भारी हवाएं (उ० पू०) तथा गर्म, हल्की पछुवा हवाएं (द० प०) 10. इस तरह का चक्रवातीय वाताग्र प्रायः शीतोष्ण कटिबन्धों में बनता हैं जहां पर ध्रवीय ठंडी तथा भारी हवाएं (उ० पू०) तथा गर्म, हल्की पछुवा हवाएं (द० प०)