1. ये ही तत्व भाषा को विषमरूपी और विकल्पनयुक्त बनाते हैं। 2. ये ही तत्व भाषा को विषमरूपी और विकल्पनयुक्त बनाते हैं। 3. यह सर्वविदित है कि भाषा एकरूपी न होकर विषमरूपी है. 4. इस माध्याम का अध्येता समूह विषमरूपी है अर्थात हेटीरोजीनस ग्रु प. 5. यह भाषा की अपनी समान्य विषमरूपी प्रकृति एवं बहुस्तरीय अर्थ-क्षमता के कारण संभव होता है। 6. विषमरूपी हिंदी की विविध छटाएँ आज दुनिया भर के हिंदी समझने वालों को एक सूत्र में बाँध रहीं हैं।7. उनकी मान्यता है कि “भाषा का गहरा संबंध समाज से है और इसी कारण वह विषमरूपी होने की नियति से बँधी है। 8. उनकी मान्यत है कि ” भाषा का गहरा संबंध समाज से है और इसी कारण वह विषमरूपी होने की नियति से बँधी है. 9. इसके परिणामस्वरूप बड़े विषमरूपी बल में मानकीकरण की कमी देखी गयी, जिसे इसके अलावा बुरे प्रशिक्षण और बुरे प्रेरण की वजह से नुकसान भुगतना पड़ा. 10. इसके परिणामस्वरूप बड़े विषमरूपी बल में मानकीकरण की कमी देखी गयी, जिसे इसके अलावा बुरे प्रशिक्षण और बुरे प्रेरण की वजह से नुकसान भुगतना पड़ा.