1. प्राचीन भारत का शिक्षा-दर्शन भी धर्म से ही प्रभावित था। 2. प्राचीन भारत का शिक्षा-दर्शन भी धर्म से ही प्रभावित था। 3. अपनी पुस्तक `महात्मागांधी का शिक्षा-दर्शन ' (ऐडुचटिओनल् फ्हिलोसोप्ह्य् ओङ् ंअहट्म घन्ड्हि) मेंडा. 4. जीवन-दर्शन और शिक्षा-दर्शन के मध्य वैषम्य की कोई कल्पना नहीं की जा सकती है। 5. जीवन-दर्शन और शिक्षा-दर्शन के मध्य वैषम्य की कोई कल्पना नहीं की जा सकती है। 6. भारतीय राष्ट्रीय चरित्र के बिल्कूल अनुकूल, समकालीन भारतीय शिक्षा और शिक्षा-दर्शन की प्रकृति संश्लेषक है। 7. जैसा कि अभी हम देख चुके हैं-अरविन्द के दर्शन की चरम परिणति उनके शिक्षा-दर्शन में हुई है। 8. प्राचीन भारत का शिक्षा-दर्शन की शिक्षा, धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष के लिए थी। 9. इसी तारतम्य में प्राचीन भारतीय शिक्षा-दर्शन को भी सर्वप्रथम एक इकाई के रूप में ही मान्य किया जाना चाहिए। 10. इसी तारतम्य में प्राचीन भारतीय शिक्षा-दर्शन को भी सर्वप्रथम एक इकाई के रूप में ही मान्य किया जाना चाहिए।