1. श्रमिकसंघवादी विचारकों के लिए राजनीतिक सीमाएं कोई मायने नहीं रखतीं.2. जबकि श्रमिकसंघवादी विचारक राज्य के पूर्ण उन्मूलन के पक्ष में थे. 3. इसका विकल्प क्या हो? श्रमिकसंघवादी उद्योगों की स्वायत्तता चाहते हैं. 4. इस हड़ताल के महानायक टा॓म मान तथा उसके श्रमिकसंघवादी सहयोगी थे. 5. इससे अलग श्रमिकसंघवादी हड़ताल जैसी सामान्य प्रविधियों से काम निकालना चाहते हैं. 6. श्रमिकसंघवादी इन सब संस्थाओं को साम्राज्यवाद का प्रतीक मानते हुए उनका विरोध करते हैं.7. स्पष्ट है कि श्रमिकसंघवादी बेकुनिन श्रमिक संघों को राजनीतिक-आर्थिक शक्तियों से लैस करना चाहता था. 8. कहा जा सकता है कि श्रमिकसंघवाद अधूरा दर्शन था, जिसके बारे में श्रमिकसंघवादी विचारक ही अस्पष्ट थे. 9. श्रमिकसंघवादी मानते हैं कि हड़ताल अथवा पूर्वाभ्यास द्वारा उनका लक्ष्य सिर्फ तात्कालिक मांगें पूरे किए जाने तक सीमित नहीं है.10. मानवीय स्वभाव की भिन्नता के आधार पर श्रमिकसंघवादी विचारक-कार्यकर्ता यह मानते हैं कि आम श्रमिक क्रांतिकारी नहीं हो सकता.