1. ऐसे भी होता है संक्रम ण * सुई द्वारा टीकाकरण। 2. ऐसे भी होता है संक्रम ण * सुई द्वारा टीकाकरण। 3. कर्म में उदय व संक्रम दोनों का युगपत् न होना निधात्ति है। 4. बहुत कम रोगी ही इस जानलेवा संक्रम ण से बच पाते हैं. 5. कैसे फैलता है संक्रम ण कंजक्टिवाइटिस का संक्रमण आपसी संपर्क के कारण फैलता है। 6. समकालीन हिंदी ग़ज़ल और ग़ज़लकारों को वैचारिक आयाम देते हुए ये वाक्य एक संक्रम (सेतु) हैं। 7. कर्म में और उत्कर्षण, अपकर्षण, उदय व संक्रम का न हो सकना निकाचित है। 8. समकालीन हिंदी ग़ज़ल और ग़ज़लकारों को वैचारिक आयाम देते हुए ये वाक्य एक संक्रम (सेतु) हैं। 9. इस प्रकार इस अधिकार में संक्रम का सांगोपांग वर्णन किया गया है, जो पुस्तक 8 व 9 में उपलब्ध है। 10. बंधे हुए कर्मों का जीवन के अच्छे-बुरे परिणामों के अनुसार यथायोग्य अवान्तर भेदों में संक्रान्त (अन्य कर्मरूप परिवर्तित) होना संक्रम कहलाता है।