1. बँधी-बँधाई लीक से निकालकर समाज-सांस्कृतिक सच्चाइयों के आकाश में मुक्त 2. रंग-शब्दों की समाज-सांस्कृतिक संबद्धता को देखने का सराहनीय प्रयास किया 3. भाषा के माध्यम से ही वह समाज-सांस्कृतिक प्राणी कहलाता है। 4. ऐसी ज्वलंत समाज-सांस्कृतिक समस्याओं-विषयांे के विमर्श में आज प्रमुखता है-आक्रामक पक्षधरता और प्रत्याक्रमक विरोध। 5. भाषा ही वह चीज है जो उसे समाज-सांस्कृतिक प्राणी के रूप में परिवर्तित करती है. 6. हम जनते हैं कि साहित्यिक पाठ में अनेक प्रकार की समाज-सांस्कृतिक अर्थ छवियाँ और शैलीगत विशेषताएँ निहित... 7. हम जनते हैं कि साहित्यिक पाठ में अनेक प्रकार की समाज-सांस्कृतिक अर्थ छवियाँ और शैलीगत विशेषताएँ निहित 8. इसमें यह संकेत छिपा है कि शिक्षा मनुष्य को जैविक जंतु से समाज-सांस्कृतिक प्राणी के रूप में परिवर्तित करती है। 9. क्योंकि साहित्यिक अनुवाद की दृष्टि से दो भाषाओं की भाषिक संरचना ही नहीं बल्कि समाज-सांस्कृतिक , सम्प्रेषणपरक पक्ष भी महत्वपूर्ण होते हैं। 10. अतः अनुवाद में अनुवादनीयता का पक्ष आज अर्थ के गहरे संदर्भों, भाषा की समाज-सांस्कृतिक विविधताओं तथा उसकी संप्रेषणपरक सरणियों तक विस्तृत हो चुका है।