1. इसका विशद वर्णन-विश्लेषण सम्पत्तिशास्त्र में है. 2. अत: ‘कौटिल्य अर्थशास्त्र' को राजनीति की पुस्तक समझना ही ठीक होगा न कि सम्पत्तिशास्त्र की पुस्तक। 3. अत: ‘कौटिल्य अर्थशास्त्र' को राजनीति की पुस्तक समझना ही ठीक होगा न कि सम्पत्तिशास्त्र की पुस्तक। 4. वैसे इसमें कहीं-कहीं सम्पत्तिशास्त्र के धनोत्पादन, धनोपभोग तथा धन-विनिमय, धन-विभाजन आदि विषयों की भी प्रासंगिक चर्चा की गई है। 5. अत: ‘ कौटिल्य अर्थशास्त्र ' को राजनीति की पुस्तक समझना ही ठीक होगा न कि सम्पत्तिशास्त्र की पुस्तक। 6. वैसे इसमें कहीं-कहीं सम्पत्तिशास्त्र के धनोत्पादन, धनोपभोग तथा धन-विनिमय, धन-विभाजन आदि विषयों की भी प्रासंगिक चर्चा की गई है। 7. सम्पत्तिशास्त्र का लेखक उसी तथ्य का विश्लेषण कर रहा है जो ग़दर के बागी किसानों का सहज बोध था.8. वैसे इसमें कहीं-कहीं सम्पत्तिशास्त्र के धनोत्पादन, धनोपभोग तथा धन-विनिमय, धन-विभाजन आदि विषयों की भी प्रासंगिक चर्चा की गई है। 9. सम्पत्तिशास्त्र लिखते वक्त द्विवेदी जी हमेशा यह याद रखते हैं कि वे ब्रिटिश उपनिवेशवाद के शिकार भारत का अर्थशास्त्र लिख रहे हैं.10. सम्पत्तिशास्त्र में भी द्विवेदी जी मुस्लिम काल के दानवीकरण का प्रत्याख्यान करते हुए उपनिवेशवादी नस्लवाद को भी चीह्नित कर उसकी आलोचना करते हैं.