1. मुंबई की कान्हेरी गुफाओं की बौद्ध प्रतिमाओं का सौंदर्यशास्त्रीय अध्ययन. 2. सौंदर्यशास्त्रीय परम्परा के समूचे विस्तार में निखरे अर्पिता सिंह,3. विकसित हुआ जो अपने अपरूपण व अपमार्जन के साथ स्वयं सौंदर्यशास्त्रीय बोध की 4. उन्होंने कहानी के जो सौंदर्यशास्त्रीय प्रतिमान बनाये, वे कहानी के ही विरुद्ध थे। 5. सौंदर्यशास्त्रीय चिंतन को उनके प्रदेयों को हिंदी साहित्य कभी विस्मृत नहीं कर सकता है ।6. और न जाने किन-किन चीज़ों का जिन्हें किसी सरल समाजशास्त्रीय या सौंदर्यशास्त्रीय घटकों में घटाया नहीं जा सकता। 7. उनका मानना है कि परम्परावादी सौंदर्यशास्त्रीय मानदंडों-प्रतिमानों के आधार पर दलित साहित्य को नहीं समझा जा सकता है। 8. साहित्य की सौंदर्यशास्त्रीय परिभाषा जो भी दी जाती रही हो, आज तो विद्रूपता हर जगह नजर आती है। 9. साहित्य की सौंदर्यशास्त्रीय परिभाषा जो भी दी जाती रही हो, आज तो विद्रूपता हर जगह नजर आती है। 10. छायावाद का सौंदर्यशास्त्रीय अध्ययन ” विषयक उनका शोधकार्य आज भी हिंदी जगत में उच्चकोटि का शोधकार्य माना जाता है।