1. न स्त्रीजाति का न पुरुषजाति का। 2. स्वदार-सन्तोष के अतिरिक्त शेष समस्त (स्त्रीजाति के प्रति) मैथुन का प्रत्याख्यान (त्याग) 3. आज के सामाजिक परिवेश में स्त्रीजाति के प्रति अपराध आये दिन होते हैं । 4. क्या गाली देने वाले के मन में वाकई स्त्री या स्त्रीजाति के प्रति अनादर 5. क्या गाली देने वाले के मन में वाकई स्त्री या स्त्रीजाति के प्रति अनादर का भाव ही होता है? 6. क्या बहुपत्नीत्व का समर्थन करके पूरी स्त्रीजाति को अपमानित करने की यह बेहद घटिया और शर्मनाक साज़िश नहीं है?) 7. क्या बहुपत्नीत्व का समर्थन करके पूरी स्त्रीजाति को अपमानित करने की यह बेहद घटिया और शर्मनाक साज़िश नहीं है?) 8. और दादियाँ भी? स्त्रीजाति के सामूहिक अपमान पर टिकी दादा लोगों की यह इज्जत दादियों की इज्जत कैसे बन जाती थी. 9. मार्क्स की चर्चा करते समय उसकी पत्नी जेनी का कोई जिक्र न करना उस महान स्त्री और स्त्रीजाति के प्रति घोर कृतघ्नता होगी. 10. कन्या-पिंगल वर्ण, स्त्रीजाति , द्विस्वभाव, दक्षिण दिशा की स्वामिनी, रात्रिबली, वायु और शीत प्रकृति, पृथ्वीतत्व और अल्पसन्तान वाली है।