1. एक स्पूटम पाजीटिव मरीज एक वर्ष मे 10-15 व्यक्तियों को टी. बी. से ग्रसित करता है। 2. निमोनिया की जांच-“ स्पूटम कल्चर ”-अधिकांश स्वास्थ्य केन्द्रों पर उपलब्ध होती है। 3. इसके बाद भी स्पूटम पॉजीटिव आने पर उसका डॉटस प्लस के तहत इलाज शुरू किया जाएगा। 4. अब जीन एक्सपर्ट द्वारा टीबी स्पूटम नेगेटिव लोगों की भी जांच 2 घंटे के भीतर हो सकेगी। 5. हर वर्ष करीब 22 लाख क्षय रोगी इसमें जुड़ जाते हैं, जिनमें से करीब 10 लाख स्पूटम पाजीटिव होते हैं। 6. केटेगरी एक व दो में इलाज के बाद भी स्पूटम पॉजीटिव आने पर उसके स्पूटम की कल्चर सेंसेटिव रिपोर्ट निकाली जाएगी। 7. केटेगरी एक व दो में इलाज के बाद भी स्पूटम पॉजीटिव आने पर उसके स्पूटम की कल्चर सेंसेटिव रिपोर्ट निकाली जाएगी। 8. हमारे देश में करीब 140 लाख व्यक्ति टी. बी. की बीमारी से ग्रसित हैं इनमें से करीब 35 लाख स्पूटम पाजीटिव हैं। 9. स्पूटम पाजीटिव-ऐसे पीडि़त व्यक्ति जिसके सूक्ष्मदर्शी परीक्षण में कम से कम दो खखार के नमूनों में एसिड फास्ट बेसीलाई माईक्रोबेक्टीरियम हो।10. क्षय रोग अधिकारी डा. राजेंद्र महिचा ने बताया कि वर्ष २ ० १ ० में अस्पताल में २ ४ ६६ रोगियों की जांच की गई 7 इनमें ३ ४ ६ स्पूटम पॉजिटिव पाए गए।