The habeas corpus application and appeal were heard on 2nd and 3rd June , 1910 by the Divisional Court . डिविजनल कोर्ट द्वारा 2 और 3 जून 1910 को याचिका और अपील की सुनवाऋ की गयी .
2.
The Supreme Court may issue writs in the nature of habeas corpus , mandamus , prohibition , quo warranto and certiorari . उच्चतम न्यायालय बंदी प्रत्यक्षीकरण , परमादेश , प्रतिषेध , अधिकारपृच्छा और उत्प्रेषण रिट जारी कर सकता है .
3.
It said he could not apply for habeas corpus because his detention followed legal procedures. इसमें कहा गया कि वह बन्दी-प्रत्यक्षीकरण के लिए आवेदन नहीं कर सका क्योंकि उसे कानूनी कार्यवाहियों के अनुसार निरुद्ध किया गया था.
4.
Mr Vaughan , counsel for Savarkar , made an application for a writ of habeas corpus and also appealed against the decision of the Bow Street court . सावरकर के वकील श्री वाग्घन ने बंदी प्रत्यक्षीकरम की याचिका दायर की और बो स्ट्रीट कोर्ट के फैसले के खिलाफ भी अपील की .
5.
Thus , in the Habeas Corpus case , the Court refused to interfere in matters of detention of persons as it believed that the intention clearly was to keep preventive detention controlled exclusively by the executive . ' बंदी प्रत्यक्षीकरण ' की दशा में , न्यायालय ने व्यक्तियों के निरोध के मामले में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया , क्योंकि उसके विचार में स्पष्ट मंतव्य यह था कि निवारक निरोध पर कार्यपालिका का अनन्य नियंत्रण रहे .
6.
The Supreme Court has been given the power to issue directions , orders or writs in the nature of habeas corpus , mandamus , prohibition , quo-warranto and certio-rari , whichever may be appropriate , for the enforcement of any of the rights conferred . उच्चतम न्यायालय को यह शक्ति दी गई है कि वह प्रदत्त अधिकारों में से किसी को प्रवर्तित कराने के लिए , ऐसे निदेश या आदेश या रिट जिनके अंतर्गत बंदी प्रत्यक्षीकरण , परमादेश , प्रतिषेध , अधिकार-पृच्छा और उत्प्रेषण रिट हैं , जो भी समुचित हो , जारी कर सके .
7.
On 16th February , 1931 , Messers Jiwan Lal , Baljit and Sham Lal moved a writ of habeas corpus in the High Court challenging the legality of their detention and proposed execution of the death-sentence on the ground that the original date of execution -LRB- sometime in October , 1930 -RRB- having passed , the Tribunal had ceased to exist . 16 फरवरी 1931 को जीवन लाल , बलजीत और शाम लाल ने उच्च न्यायालय में बंदी प्रत्यक्षीकरण की याचिका दायर करते हुए उनके कारावास और प्रस्तावित मृत्युदंड की वैधता को इस आधार पर चुनौती दी कि फांसी की प्रारंभिक तारीख ( अक़्तूबर , 1930 में कोई दिन ) निकल जाने के कारण ट्रिब्यूनल अब अस्तित्व नहीं रखता .
8.
Article 226 lays down that every High Court shall have power throughout the territory under its jurisdiction to issue to any person or authority directions , orders or writs including writs of habeas corpus , prohibition , quo warran-to and certiorari or any of them for the enforcement of the fundamental rights or for any other purpose . अनुच्छेद 226 के अनुसार प्रत्येक उच्च न्यायालय अपनी अधिकारिता वाले समूचे राज्य क्षेत्र में मूल अधिकारों को लागू कराने के लिए या किसी अन्य प्रयोजन के लिए किसी व्यक्ति या प्राधिकारी को ऐसे निदेश , आदेश या रिट जैसे , बंदी प्रत्यक्षीकरण1 , परमादेश2 , प्रतिषेध3 , अधिकार-पृच्छा4 और उत्प्रेषण रिट5 या उनमें से किसी को जारी कर सकेगा .
Meaning
the civil right to obtain a writ of habeas corpus as protection against illegal imprisonment
a writ ordering a prisoner to be brought before a judge Synonyms: writ of habeas corpus,
How to say habeas corpus in Hindi and what is the meaning of habeas corpus in Hindi? habeas corpus Hindi meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.