अस्पृष्ट sentence in Hindi
pronunciation: [ asepriset ]
"अस्पृष्ट" meaning in English"अस्पृष्ट" meaning in HindiSentences
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- और आशय (कर्म-संस्कार) से सर्वथा अस्पृष्ट पुरुष-विशेष ईश्वर है.
- और आशय (कर्म-संस्कार) से सर्वथा अस्पृष्ट पुरुष-विशेष ईश्वर है।
- वर्ण के चार भाग-स्पृष्ट, अस्पृष्ट, अर्द्धस्पृष्ट और इषत्स्पृष्ट।
- उनका खड़ी बोली काव्य पूरी तरह अस्पृष्ट रह गया.
- और जब तक उनका यह अंश अस्पृष्ट रहा, तब तक वे अजेय रहे।
- पतञ्जलि ने ईश्वर का लक्षण बताया है-“क्लेशकर्मविपाकाराशयैरपरामृष्टः पुरुषविशेषः ईश्वरः” अर्थात् क्लेश, कर्म, विपाक(कर्मफल) और आशय(कर्म-संस्कार) से सर्वथा अस्पृष्ट पुरुष-विशेष ईश्वर है.
- पतञ्जलि ने ईश्वर का लक्षण बताया है-“क्लेशकर्मविपाकाराशयैरपरामृष्टः पुरुषविशेषः ईश्वरः” अर्थात् क्लेश, कर्म, विपाक(कर्मफल) और आशय(कर्म-संस्कार) से सर्वथा अस्पृष्ट पुरुष-विशेष ईश्वर है.
- पाणिनी ने स्वरों को अस्पृष्ट, य,र,ल,व को ईष स्पृष्ट, श, ष,स, ह को अर्द्धü स्पृष्ट तथा शेष वर्णो को पूर्ण स्पृष्ट माना है।
- यहां हर एक जाति की अपनी अलग संस्कृति है, और कई बार आमने सामने मिलने पर भी वे एक-दूसरी से काफी हद तक अस्पृष्ट रह सकी हैं!
- पतञ्जलि ने ईश्वर का लक्षण बताया है-“ क्लेशकर्मविपाकाराशयैरपरामृष्टः पुरुषविशेषः ईश्वरः ” अर्थात् क्लेश, कर्म, विपाक (कर्मफल) और आशय (कर्म-संस्कार) से सर्वथा अस्पृष्ट पुरुष-विशेष ईश्वर है।
- पाणिनी ने स्वरों को अस्पृष्ट, य, र, ल, व को ईष स्पृष्ट, श, ष, स, ह को अर्द्धü स्पृष्ट तथा शेष वर्णो को पूर्ण स्पृष्ट माना है।
- कितनी अज़ीब बात है कि जिन स्मृतियों को हम सुरक्षित सहेज कर रखते हैं वह सचमुच याद करने से नहीं लौटतीं, और लौटती भी हैं तो इतनी अस्पृष्ट और धुँधली हो कर, अपरिचित और परायी सी लगती हैं.
- मत्र्य जगत् में मानव-अस्तित्व की समस्या, वर्तमान समाज की विरूपता / विद्रूपता व मानवीय सम्बन्धों के बदलते स्वरूप मुझे भी चिन्तित करते हैं, किन्तु मेरी अभिव्यक्ति अन्य कवियों से भिन्न है व किसी विचारधारात्मक प्रभाव से अस्पृष्ट है।
- कितनी अज़ीब बात है कि जिन स्मृतियों को हम सुरक्षित सहेज कर रखते हैं वह सचमुच याद करने से नहीं लौटतीं, और लौटती भी हैं तो इतनी अस्पृष्ट और धुँधली हो कर, अपरिचित और परायी सी लगती हैं.
- इस लड़की ने अपने धर्म के प्रति अपनी आस्था को जताते हुये यह स्पष्ट किया कि इस धर्म में शरीर की पवित्रता का अति महत्व है, और इसीलिये इसमें शरीर के संबंधित विभिन्न अवयवों को अस्पृष्ट रखने का विधान है।
- जो कली खिलेगी जहाँ, खिली, जो फूल जहाँ है, जो भी सुख जिस भी डाली पर हुआ पल्लवित, पुलकित, मैं उसे वहीं पर अक्षत, अनाघ्रात, अस्पृष्ट, अनाविल, हे महाबुद्ध! अर्पित करती हूँ तुझे।
- यह अक्षर ब्रह्मरूप भगवदात्मा सर्व धर्मों से अस्पृष्ट ही रहता है, इस तरह भगवान सर्वजगत रूप रहने पर भी उच्चावच सर्व प्रकार की लीलाओं को काते रहने पर भी अपने स्वरूप में-लीला में पांचों प्रकार के दोषों का सम्बन्ध न होने देने के लिये विविध अनन्त शक्तियों का आविर्भाव करते हैं।
- इसके लिए महाराज कश्मीर के पुस्तकालय की कल्पना की, जिसका सूचीपत्र डॉक्टर स्टाइन ने बनाया हो, वहाँ पर कालिदास के कल्पित काव्य की कल्पना, कालिदास के विक्रम संवत चलाने वाले विक्रम के यहाँ होने की कल्पना, तथा यवनों के अस्पृष्ट (यवन माने मुसलमान! भला यूनानी नहीं) समय में हिन्दूपद के प्रयोग की कल्पना ; कितना दुःख तुम्हारे कारण उठाना पड़ता है।
- * इतना सब कुछ होने पर भी यदि कोई अनाघात, अनास्वादित, अदृष्ट, अस्पृष्ट एवं अश्रुत जीव का समादर करता हुआ स्वर्ग एवं अपवर्ग आदि सुख की समीहा से विभ्रम वश सिर एवं दाढ़ी के केशों का मुण्डन करवाकर, अत्यन्त दुरूह व्रतों का धारण कर, कठिन तपश्चर्या कर, अत्यधिक दु: सह प्रखर [[सूर्य]] के ताप को सहन कर इस दुर्लभ मानव जन्म को नीरस बनाता है तो वह वास्तव में महामोह के दुष्चक्र में घिरा दया का ही पात्र कहा जा सकता है।
asepriset sentences in Hindi. What are the example sentences for अस्पृष्ट? अस्पृष्ट English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.