और आशय (कर्म-संस्कार) से सर्वथा अस्पृष्ट पुरुष-विशेष ईश्वर है.
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और आशय (कर्म-संस्कार) से सर्वथा अस्पृष्ट पुरुष-विशेष ईश्वर है।
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वर्ण के चार भाग-स्पृष्ट, अस्पृष्ट, अर्द्धस्पृष्ट और इषत्स्पृष्ट।
4.
उनका खड़ी बोली काव्य पूरी तरह अस्पृष्ट रह गया.
5.
और जब तक उनका यह अंश अस्पृष्ट रहा, तब तक वे अजेय रहे।
6.
पतञ्जलि ने ईश्वर का लक्षण बताया है-“क्लेशकर्मविपाकाराशयैरपरामृष्टः पुरुषविशेषः ईश्वरः” अर्थात् क्लेश, कर्म, विपाक(कर्मफल) और आशय(कर्म-संस्कार) से सर्वथा अस्पृष्ट पुरुष-विशेष ईश्वर है.
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पतञ्जलि ने ईश्वर का लक्षण बताया है-“क्लेशकर्मविपाकाराशयैरपरामृष्टः पुरुषविशेषः ईश्वरः” अर्थात् क्लेश, कर्म, विपाक(कर्मफल) और आशय(कर्म-संस्कार) से सर्वथा अस्पृष्ट पुरुष-विशेष ईश्वर है.
8.
पाणिनी ने स्वरों को अस्पृष्ट, य,र,ल,व को ईष स्पृष्ट, श, ष,स, ह को अर्द्धü स्पृष्ट तथा शेष वर्णो को पूर्ण स्पृष्ट माना है।
9.
यहां हर एक जाति की अपनी अलग संस्कृति है, और कई बार आमने सामने मिलने पर भी वे एक-दूसरी से काफी हद तक अस्पृष्ट रह सकी हैं!
10.
पतञ्जलि ने ईश्वर का लक्षण बताया है-“ क्लेशकर्मविपाकाराशयैरपरामृष्टः पुरुषविशेषः ईश्वरः ” अर्थात् क्लेश, कर्म, विपाक (कर्मफल) और आशय (कर्म-संस्कार) से सर्वथा अस्पृष्ट पुरुष-विशेष ईश्वर है।
What is the meaning of अस्पृष्ट in English and how to say asprsta in English? अस्पृष्ट English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.